Tuesday, February 1, 2011

साया भी ज़िन्दगी से

दोस्तों,

जिन दिनों मैं सीडलिंग स्कूल में कार्यरत था तब स्कूल की वार्षिक पत्रिका में ये ग़ज़ल प्रकाशित हुई थी। लीजिये उसकी प्रति आप सभी के समक्ष रख रहा हूँ।


आपकी राय का ब्लॉग पर स्वागत है।

आपका अश्विनी!

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