प्रिय दोस्तों,
तू हमें ज्ञान दे ऐसी पहचान दे, ये एक भक्ति रचना है। इस रचना को मैंने कुछ दिन पहले लिखा था। संयोगवश मुझे एक भजन संध्या में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और वहां इसे मैंने गिटार के साथ गा कर प्रस्तुत किया। भजन संध्या दिनांक १४-११-२००९ को डे केयर सेण्टर, मानसरोवर में संपन्न हुई। प्रस्तुत है मेरी भक्ति रचना।
धन्यवाद्,
अश्विनी बग्गा।
Sunday, December 13, 2009
ज़िन्दगी
Saturday, December 5, 2009
मेरा शहर
दोस्तों,
पिछले दिनों अख़बार में मेरी ग़ज़ल प्रकाशित हुई, खयाल आया की क्यों न इसे अपने ब्लॉग पर भी सभी से बाँटा जाए। तो लीजिये प्रस्तुत है मेरी ग़ज़ल "मेरा शहर"। प्रकाशन तिथि २८-११-२००९, राजस्थान पत्रिका, जयपुर। पृष्ठ संख्या १८.
सही मायने में अभी मैं इस पर और काम करना चाहता हु, मुझे इसे और सवारने की गुंजाईश नज़र आती है। आपकी राय का ब्लॉग पर स्वागत है।
धन्यवाद।
पिछले दिनों अख़बार में मेरी ग़ज़ल प्रकाशित हुई, खयाल आया की क्यों न इसे अपने ब्लॉग पर भी सभी से बाँटा जाए। तो लीजिये प्रस्तुत है मेरी ग़ज़ल "मेरा शहर"। प्रकाशन तिथि २८-११-२००९, राजस्थान पत्रिका, जयपुर। पृष्ठ संख्या १८.
सही मायने में अभी मैं इस पर और काम करना चाहता हु, मुझे इसे और सवारने की गुंजाईश नज़र आती है। आपकी राय का ब्लॉग पर स्वागत है।
धन्यवाद।
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