Sunday, December 28, 2008

धुआं

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Saturday, December 27, 2008

चटनी

"आ गए? हो गई सुबह की सैर? नौ बज रहे हैं, सूरज चढ़ आया है, पर सैर ख़त्म होने का नाम ही नही लेती है"|

घर में कदम रखते ही शकुंतला के स्वर कान में मिश्री की भांति घुल गए| खैर अब तो रोज़ की बात है|
"आ गया भागवान| काहे घर सर पर उठती हो?" तभी वह हाथ पोंछती हुई कमरे में आ गई और कुरते की ओर देखते हुए बोली - "हे राम! कहाँ सवेरे सवेरे कुरते पर दाग लगवा आए?"

"चंदू की दूकान पर गरम कचोरी उतर रही थी, सोचा चख लू| कमबख्त न जाने कैसे इमली की चटनी गिर गई| चिंता न करो धुल जाएगा|"

"अब आप ही धोइएगा| मैं नहा चुकी| अभी धो लीजिये वरना दाग नही जाएगा| "

"गोपाल ने राशन भिजवाया क्या? कपड़े धोने ये साबुन नही है गुसलखाने में|" - मैंने पूछा|

"ये गोपाल भी न! कभी टाइम पर सामान नही पहुंचाता| मैं लाये देती हूँ बाहर से|"

दस मिनट गुज़रने के बाद भी शकुंतला नही लौटी| मैं बरामदे में चहल कदमी करने लगा और बार बार घड़ी की ओर देखने लगा | तभी वह आ गई|

"लीजिये ले आई साबुन| अब नहा लीजिये और कपड़े भी धो लीजियेगा" - साबुन हाथ में थमाते हुए उसने मुझसे कहा|

साबुन लेते समय मेरी नज़र उसके साडी के पल्लू पर पड़ गई| इमली की चटनी - कमबख्त फिर कचोरी से फिसल गई| अब क्या करे चटनी चीज़ ही ऐसी है, ज़बान पर लगे बिना जी नही भरता|

"भागवान तुम्हारी साडी पर चटनी लग गई है| धो लो वरना दाग नही जाएगा और हाँ मेरा कुरता रखा है ज़रा उसे भी धो देना|" इतना कह कर मैं कुर्सी पर अख़बार ले कर बैठ गया| मंद मंद मुस्कुराते हुए अख़बार के पन्ने पलटने लगा और शकुंतला कपड़े धोने में जुट गई|

Friday, December 26, 2008

शुभारम्भ|

दोस्तों,

आपके साथ यह ब्लॉग share कर के अत्यंत हर्ष महसूस कर रहा हूँ इस ब्लॉग के माध्यम से मैं अपने लेखन व अपनी कलम को और मजबूती प्रदान करना चाहता हूँ काफ़ी समय से मैं शौक के तौर पर ग़ज़लें लिखता आ रहा हूँ एक दो ग़ज़लें प्रकाशित भी हुई अब थोड़ा ध्यान कहानियो पर भी लगना चाहता हूँ

उम्मीद है की मेरा ये प्रयोग सफल होगा भगवान् की असीम कृपा से मैंने अपने सफर का आगाज़ कर दिया है आशा करता हूँ की सफलता कही न कही मेरा इंतज़ार ज़रूर कर रही होगी तमन्नाओं की गाड़ी कभी थमती नही है पर इंसान की ज़िन्दगी का अंजाम ज़रूर होता है मेरी ऊपरवाले से यही दुआ है की मेरी भी एक छोटी सी पहचान इस दुनिया में ज़रूर बना दे

कृपया अपने कमेंट्स ज़रूर लिखें और इस ब्लॉग पर आते जाते रहियेगा

आपकी दुआओं की चाह में,

आपका "अश्विनी बग्गा"