Tuesday, February 28, 2012

कोचिंग सेंटर

हमारे पुत्र हमसे कर बोले
पिताजी, इक राज़ की बात खोले

हमने कहा सुनाइए
क्या राज़ की बात है बताइए।

इस एग्जाम में सबका रहा बोलबाला
पर मेरा हो गया है मुह काला।

मैथ्स का साइन कॉज थीटा
फिजिक्स का गामा अल्फा बीटा
पल्ले कुछ नहीं पड़ा, बहुत माथा पीटा

अब कोचिंग से ही किनारा है
वही इक आखिरी सहारा है

हमने झाड़ा...
सारा दिन फ़ोन पर लड़कियों से बतियाते हो
सारी मैथ्स फिजिक्स वहीँ क्यों लगाते हो।

हार कर हम कोचिंग सेंटर पहुँच गए
इतने पप्पुओ को साथ देख दंग रह गए

मास्टर साहब बोले ...
यहाँ पढ़ाने वाले शिक्षक बहुत पुराने हैं
आप गिनिये फीस में कितने शुन्य लगाने हैं

मैंने फ़रमाया, ये बहुत ज्यादा है
यहाँ पढ़ाने में भला क्या फायदा है

बोले...
हमेशा हम नए रिकॉर्ड बनाते हैं और
हर वर्ष सैकड़ो पप्पुओं को पास कराते हैं

5 comments:

  1. I must appreciate this all time... I could see it's different as these days everyone is using FACEBOOK in their creativity while you are away from it and give bit a real feel. Keep it up.

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